✍️मै और वो ✍️:-By रोहिन होदकाशिया
✍️मै और वो ✍️
मै कड़ाके कि धूप सा
वो ज्येष्ठ की बारिश सी
मै अमस्या का अंधेरा सा
वो शीतल रात की चांदनी सी
मै कड़ुआ बोलु कोवा सा
वो वाणी उसकी कोयल सी
मै त्योहार कोई छोटा सा
वो दीपावली है दिलवालो की
मै संज्ञा कोई तालाब का
वो आंखे उसकी समुंद्र सी
मै पानी हूं सांभर का
वो खेती कोई गन्ने सी
मै रास्ता कोई गांव का
वो राज्य की राजधानी सी
मै खेत कोई मजदूर का
वो राजमहल की रानी सी
मै रंक कोई कुटुम्ब का
वो वृद्धा आश्रम की शान सी
मै दिन कोई गरम सा
वो जाड़े की धूप सी
मै मौसम कोई तूफानी सा
वो पतझड़ की शाम सी
मै लेखक एक छोटा सा
वो प्रेमचंद की कहानी सी ।
💬💬💬💬💬💬💬
कलम से :- रोहिन होदकाशिया
Thank you❣️
By रोहिन होदकाशिया
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