कभी सोच देखो तो:-Monika Jauhari
कभी सोच देखो तो
कभी सोचा है,
मन को टुकड़ों में बाँट कर भी
कुछ पाने का ऐलान
किया जा सकता है !
ज़िंदगी को कतरा- कतरा पाकर भी,
जिया जा सकता है ।
शब्दों को बेबात ही जोड़ कर भी
अर्थ निकाला जा सकता है।
बातों को बिना पढ़े भी,
किताबों में जड़ा जा सकता है !
कभी सोचा है, तुमने ये सब ?
कभी सोच कर ,देखो तो !
By Monika Jauhari
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